जख्मों

जख्मों

कोई मुझे बुलाता रहा और,
मैं रोती रही दिल के जख्मों को,
रो-रो कर आंसुओं से धोती रही।

आंखें

आंखें

आंखों से आंखें मिलते हैं,
दो से चार बनकर हम आप से,
मिलेंगे गले का हार बनकर |

शकून

शकून

अपनी हार पर इतना,
शकून था मुझे, 
जब उसने गले लगाया,
जीतने के बाद।

तक़दीर

तक़दीर

मेरे इरादे मेरी तक़दीर बदलने,
को काफी हैं, 
मेरी किस्मत मेरी लकीरों की,
मोहताज़ नहीं।

शकून

शकून

अपनी हार पर इतना,
शकून था मुझे, 
जब उसने गले लगाया,
जीतने के बाद।

आवाज़

आवाज़

मेरी आवाज़ ही परदा है,
मेरे चेहरे का, 
मैं हूँ ख़ामोश जहाँ मुझको,
वहाँ से सुनिए।

तलाशते

तलाशते

किसी को तलाशते तलाशते,
खुद को खो देना,
आंसा है क्या आशिक हो जाना।

ख्वाइश

ख्वाइश

मर जाने की ख्वाइश को मैं कुछ इस,
कदर मारा करता हूँ,
दिल के जहर को मैं कागज पर,
उतरा करता हूँ।

मुकम्मल

मुकम्मल

सब होगा मुकम्मल कबूल,
बनेंगे लाख जरिये 
हुजूर एक दफा,
मोहब्बत तो करिये।

सदाक़त

सदाक़त

गर वफ़ाओं में सदाक़त भी हो,
और शिद्दत भी,
फिर तो एहसास से पत्थर भी,
पिघल जाते हैं।